आकाशवाणी
अटल आकाशवाणी के
इंतजार में सब तैनात तैयार खड़े थे।
आदमी – औरत, बड़े – बूढ़े
और उनके बच्चे, जो मन या बेमन, बेखौफ
उनके साथ थे।
हर कोने से इकट्ठा हो
ठीक बीच में सब तैनात
तैयार खड़े थे।
और एक दिशा में
एक साथ
सब
एक ओर उमड़े।
आकाशवाणी होते ही।
‘राजीव चौक
स्टेशन।
दरवाजे
बाईं ओर खुलेंगे।’